![पाषाण's image](/images/post_og.png)
कभी न कभी पूर्ण हो जाएगी
मन की ये अभिलाषा तेरी
कब तक भ्रम पालेगा पगले
व्यर्थ जा रही प्रतीक्षा तेरी
राम नहीं कोई इस युग में Read More! Earn More! Learn More!
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मन की ये अभिलाषा तेरी
कब तक भ्रम पालेगा पगले
व्यर्थ जा रही प्रतीक्षा तेरी
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