नाराज़गी's image
148K

नाराज़गी

फासले कुछ बढ़ रहे हैं

अजीज़ नाराज़ हो रहे हैं

कुछ साथी अंग संग मेरे

खंजर लिए चल रहे हैं


कुछ अपने उठ गए हैं

कुछ अपनों से रूठ गए हैं

मैं हो रहा हूँ तन्हा

Read More! Earn More! Learn More!