ह्रदय मेघ's image
160K

ह्रदय मेघ

जब से तुम बसे ह्रदय में

नयनों ने निंदिया है खोई

जित देखूँ तुम ही तुम हो

हर ओर तेरी सूरत लखाई


तन की सुध न जग का डर है

Read More! Earn More! Learn More!