दिग्भ्रमित's image
414K

दिग्भ्रमित

दिग्भ्रमित सा सूरज फिर

दिवस भर फिरता रहा

अप्रतिम मिलन की चाह में

पहर पहर पिघलता रहा


चाहत क्यूँ है ज्ञात नहीं पर

Read More! Earn More! Learn More!