
आषाण की दुपहरी में
सुलाती थी महतारी
कच्चे दालानों में
थी गरमी गुज़ारी
रिमझिम बूँदों की
ठंडी ठंडी फुहारें
Read More! Earn More! Learn More!
आषाण की दुपहरी में
सुलाती थी महतारी
कच्चे दालानों में
थी गरमी गुज़ारी
रिमझिम बूँदों की
ठंडी ठंडी फुहारें
Read More! Earn More! Learn More!