बंदनवार's image

संबंधों की भूलभुलैंया में

अभी खुद को ढूँढ रहा हूँ

रिश्तों के धागे ऐसे उलझे हैं

नित नई गिरह खोल रहा हूँ


कब अपनेपन की वर्षा होजाए

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