ऐतराज़'s image

रोज़ थोड़ा बिखरता हूँ

रोज़ खुद को समेटता हूँ

रोज़ थोड़ा थोड़ा धड़क कर

मौत को छलता हूँ


यकीन का मारा हूँ

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