उम्र भर पीछे भगाती रही होंगी
जतन तूने भी बहुत किया होगा
ये अधूरी ख्वाहिशें मिटती नहीं
मर्ज़ पुराना था साथ गया होगा
खुशी से छलक उठे हैं आ
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उम्र भर पीछे भगाती रही होंगी
जतन तूने भी बहुत किया होगा
ये अधूरी ख्वाहिशें मिटती नहीं
मर्ज़ पुराना था साथ गया होगा
खुशी से छलक उठे हैं आ