
फागुन आया
पलाश के फूल खिलें हर जगह
आई री सखी होली आई
चलो तोड़ लाये पलाश के फूल
रंग बिखेरेंगे फिर एक बार बागों में
खिल उठेंगे खेत खलियां
घर आंगन भरे धन धान से
ज
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फागुन आया
पलाश के फूल खिलें हर जगह
आई री सखी होली आई
चलो तोड़ लाये पलाश के फूल
रंग बिखेरेंगे फिर एक बार बागों में
खिल उठेंगे खेत खलियां
घर आंगन भरे धन धान से
ज