
नाकामयाब नही नायब हूं
ढलती शाम की तरह ओझल होते हौसलों पर ,
उम्मीदों का चमकता चांद हूं
नाकामयाब नही नायब हूं ।।
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नाकामयाब नही नायब हूं
ढलती शाम की तरह ओझल होते हौसलों पर ,
उम्मीदों का चमकता चांद हूं
नाकामयाब नही नायब हूं ।।