
जब भी काँटों पे धार आएगी
हर चमन में बहार आएगी
चुप हैं तारीख़ के पन्ने बेशक
खण्डहरों से पुकार आएगी
इस तरफ़ क़ाफ़िले को लूटोगे
उस तरफ़ से क़तार आएगी
ख़्वाब आँखों के सच क
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जब भी काँटों पे धार आएगी
हर चमन में बहार आएगी
चुप हैं तारीख़ के पन्ने बेशक
खण्डहरों से पुकार आएगी
इस तरफ़ क़ाफ़िले को लूटोगे
उस तरफ़ से क़तार आएगी
ख़्वाब आँखों के सच क