
जब कोई
आतंकी हमला होता है।
सिर्फ एक जिस्म नहीं मरता
मरता है भाई
मरता है एक बेटा
मरता ही एक प्रेमी
मरता है एक पिता
मरता है एक परिवार
मरती है उम्मीदें
मरते हैं त्यौहार
मरता है जीवन।
गोली मजहब नहीं देखती
जाति नहीं देखती
देखती है बस एक जिस्म।Read More! Earn More! Learn More!