
ग़लब् और आलम का ह़ूब बहुत
रात में दिन, दिन में रात बने
होश न ही आए तो ठीक है
होश वालों के जज्बात बने
मगरीब गरीब की खत्म होगी
ऐसी दुआ, कायनात बने
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रात में दिन, दिन में रात बने
होश न ही आए तो ठीक है
होश वालों के जज्बात बने
मगरीब गरीब की खत्म होगी
ऐसी दुआ, कायनात बने