
अपने बारे में क्या लिखूं मैं,
मुझसे ही लिखी गई हर कहानी।🖋️
समय के साथ मेरा बदला रुप,
रंगीन हो गई मेरी जवानी।🖋️
काला,नीला,लाल, हरा, गुलाबी,
अंग में रुधीर रहता है झलक।🖋️
कहीं प्लास्टिक से सजी धजी हूंँ,
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मुझसे ही लिखी गई हर कहानी।🖋️
समय के साथ मेरा बदला रुप,
रंगीन हो गई मेरी जवानी।🖋️
काला,नीला,लाल, हरा, गुलाबी,
अंग में रुधीर रहता है झलक।🖋️
कहीं प्लास्टिक से सजी धजी हूंँ,