कभी अकेला रोता था मै...
तब उसने मुझे टटोला था।
बातें मुझ से करता था वह...
हाँ दोस्त भी मेरा अकेला था।
जब मन दुखी हो जाता मेरा...
वह पास में मेरे होता था।
मन तो हल्का हो जाता पर...
वह साथ मे मेरे रोता था।
मै बचपन का था साथी उसका...
उसने दोस्त मुझे अपनाया था।
जब भी उसके पास बैठता...
तब उसने मुझे सहलाया था।
मुख से वह कुछ बता न सका था...
एहसास मात्र से कहता था।
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