तुम्हारा न होते हुए भी
सिर्फ़ तुम्हारा होना
इश्क़ है
तुमसे दूर होकर भी
तुम्हारे पास रहना
इश्क़ है
आँखों में नमी होते हुए भी
होंठों से मुस्कुराना
इश्क़ है
ख़यालों में तुम्हें सोचते हुए भी
बेवजह ही शरमाना
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तुम्हारा न होते हुए भी
सिर्फ़ तुम्हारा होना
इश्क़ है
तुमसे दूर होकर भी
तुम्हारे पास रहना
इश्क़ है
आँखों में नमी होते हुए भी
होंठों से मुस्कुराना
इश्क़ है
ख़यालों में तुम्हें सोचते हुए भी
बेवजह ही शरमाना
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