सफ़र का सितारा चमचमाने लगा है
वो और मेरे नज़दीक आने लगा है
आँसुनों ने मचाया हैं फ़िर ये कहर कैसा
वो तो मेरी सांसों में बस कर शोर मचाने लगा है
अंधेरे कमरे में ये कैसी रौशनी ने दस्तक है दी
की सारा बदन ख़ुशी से गुनगुनाने लगा है
बिछ ग
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