मैं और मेरा चांद..'s image
132K

मैं और मेरा चांद..

मेरे जज़्बात स्याही बन कर काग़ज़ पर उतर रहे हैं

आज रात चांद मुझको और हम चांद को तक रहें हैं


उस के साथ रात कैसे गुज़री कुछ पता ही नहीं चला

सुबह होते ही चांद और हम एक दूसरे से दूर हो रहें हैं


मिलने के लिए ज़माने ने एक कोना भी नहीं दिया हैं

हम दोनों इसी लिए ही अपने ख्वाबों में मिल रहें हैं


Read More! Earn More! Learn More!