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दुआ


गर्दिशों की धूल देखी हैआसमानों को भी छुआ है,

हौंसले बुलंद है हमारेसर पर माँ-बाप की दुआ है।


कभी गिरे खा ठोकरफिर चलने का माद्दा हुआ है,

खूँ में भी आग है धधकतीसूरज भी पशेमान् हुआ है,

हौंसले बुलंद है हमारेसर पर माँ-बाप की दुआ है।


आज फिर लहरों से टकरा जाने का ज़ुनून हुआ है,

समंदर की गहराइयों को समाने का भरोसा हुआ है,

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