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ताकते हैं रोटियाँ आँखों में लेकर बारिशें

जैसे कि रोटी के आगे मर गयी हों ख्वाहिशें


ये बेचारे भूखे हैं और पहले से बेज़ार हैं

उसपे भी इनको चबाने की हुई हैं कोशिशें


इनका हक़ देदो इन्हें रोटी हों या फिर च

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