
ज़िंदगी तुझसे निबाह, कब तक करेंगे हम
यूं ही तेरा ख्याल, कब तक करेंगे हम I
और तेरे जाने ग़म तो है इलाही मग़र
दि
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यूं ही तेरा ख्याल, कब तक करेंगे हम I
और तेरे जाने ग़म तो है इलाही मग़र
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