प्रेम's image
 मेरी चेतना के धागे बारम्बार,
गुजरते हैं इस अनंत ब्रह्मांड से,
खोज में तुम्हारी...

देह की बाध्यता को छोड़,
प्रतीक्षा की गोह में,
मेरी यात्रा है
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