![अकेलापन और भाव's image](/images/post_og.png)
भरी दोपहरी में हुई है रात काली क्या करूँ |
सूने कोने में बैठा हूँ सोचता हूँ क्या करूँ |
दिल बुद्धि और मन पर छाई उदासी क्या करूँ |Read More! Earn More! Learn More!
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