
तुमने समर्पण स्त्री के हिस्से ही क्यों लिखा ?! पाप का निवारण था या कोई पुराना हिसाब चूकते किया !?
उसे बचपना भी इतना कहां मिला? समझदारी की नींव तुमने ज्यादा जो रखी थी !
बड़ी हुई तो मैया-बाबुल से भी दूर कर लिया; मानो उसको उसी से ही छीन लिया !!!
पिता, प
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