उलझी हुई मैं's image
25K

उलझी हुई मैं

जिसे आज तक मैं ना समझ सकी,
वो उलझे हुए सवाल हो तुम।
जिसको मेरी कलम कभी न लिख सकी
वो उलझे हुए जवाब हो तुम।


सोचती हूं कभी तुम पर लिखूं !
पर क्या लिखूं ?
तुम्हारी तो हर बातें किताबों
के पन्नों में उतारने वाले हैं ।


मैं स्तब्ध हूं!
यह

Read More! Earn More! Learn More!