
‘तुम पहले क्यों नहीं आए’ नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित सामाजिक, मानवाधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी की किताब है। भारत सहित पूरी दुनिया में बच्चों के अधिकारों और आजादी के लिए उठने वाली प्रतिष्ठित आवाज़ के रूप में मान्य है। • ‘तुम पहले क्यों नहीं आए’ में वैसे कुछ बच्चों की सच्ची कहानियाँ हैं, जो खतरनाक परिस्थितियों में धकेल दिए गए थे। लेकिन कैलास सत्यार्थी के नेतृत्व में किए गए सजग प्रयासों से उन्हें उन परिस्थितियों से उबरने और बेहतर जीवन की दिशा में आगे बढ़ने का अवसर मिला। बाद में, बड़े होने पर, उन बच्चों ने भी गुलामी में पड़े बच्चों का उबारने के लिए किए जा रहे कार्यों में उल्लेखनीय भूमिका निभाई। • ‘तुम पहले क्यों नहीं आए’ में जिन बच्चों की कहानियाँ कही गई हैं उनमें से कई को संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक मंच से विश्व नेताओं से मुखातिब होने और बच्चों के अधिकार की माँग उठाने के मौके भी मिले। इसके बाद बेहतर बचपन को सुनिश्चित करने के लिए कई राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय कानून भी बने।
About the Author
कैलाश सत्यार्थी का जन्म 11 जनवरी, 1954 को विदिशा, मध्य प्रदेश में हुआ। उन्होंने भोपाल विश्वविद्यालय (अब बरकतुल्ला विश्वविद्यालय) से बी.ई. और उसके बाद ट्रांसफ़ॉर्मर डिज़ाइन में मास्टर्स डिप्लोमा क