
शरद ऋतु
(-कविता झा)
शरद ऋतु की चाँदनी
किसी को शीतलता देती है
और प्रेम को उदीप्त
कर जाती है
तो कहीं किसी बेघर के लिए
वो चाँदनी शूल से कम नहीं
जो ठंड में ठिठुरने
को विवश कर जाती है।
नव प्रेमी युगल को
चाँद की रोशनी अनायास
कामुक कर जाती है
तो निराश्रितों को व्याकुल
अनंत दुःख व चिंता में
झकझोर जाती है।
मंद मंद बारिश की बूँदे
प्रेमियों को नए एहसास
का आभास करा जाते है
और कितने नए अनुभूति
को ज़िंदा कर जाती है
तो कहीं सड़क पे रह
रहे लोगों का सुख-चैन
सब कुछ छीन ले जाती है।
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