⚙️  प्रकाश-छाया  ⚙️'s image
00

⚙️ प्रकाश-छाया ⚙️





कविता - प्रकाश-छाया
 कवि - जोत्सना जरी

 .

 दर्द के शोर को छोड़कर
 चलो घूमें
 दूसरे क्षितिज की तलाश में

 .
 बिना भाषा के सिर्फ हवाएं बोलती हैं
 वे बेतरतीब ढंग से उड़ते हैं
 बालों में

 .
 सूर्योदय और सूर्यास्त के रंगों में
Tag: ife और2 अन्य
Read More! Earn More! Learn More!