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कविता - प्रेम

 कवि - जोत्सना जरीक


 .

 बेचैन मन घूम जाता है

 प्यार

 करीब आता है

 मेरे बगल में बैठे

 क्या इसका नाम love . है

 किसी को बताओं ...

 .

 हरे कालीन पर

 खुशी के बिना कविता में

 मन जिसे पाना चाहता है

 Asare-Galpo . के
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