तुम...'s image

सांसों के दो तार से तुम

मैं मांझी पतवार से तुम

मैं गुलशन गुलनार से तुम

मैं कटार मेरे धार से तुम

मुझे पूर्ण करते हो यूं ही 

मेरे मूल आधार से तुम,

चेहरे की मुस्कान हो तुम

गायक का मृदुगान हो तुम

खुदमें ही तूफ़ान हो तुम

बस खुदसे अंजान हो तुम 

तुम पर आकर ठहर गई मैं

किसी मुनि का ध्यान हो तुम,

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