एक बार जीवन में प्यार कर लो प्रिय | देवल आशीष's image
580K

एक बार जीवन में प्यार कर लो प्रिय | देवल आशीष

लगती हो रात में प्रभात की किरन-सी

किरन से कोमल कपास की छुअन-सी

छुअन-सी लगती हो किसी लोकगीत की

लोकगीत, जिसमें बसी हो गंध प्रीत की

प्रीत को नमन एक बार कर लो प्रिय

एक बार जीवन में प्यार कर लो प्रिय


प्यार ठुकरा के मत भटको विकल-सी

विकल हृदय में मचा दो हलचल-सी

हलचल प्यार की मचा दो एक पल को

एक पल में ही खिल जाओगी कमल-सी

प्यार के सलोने पंख बांध लो सपन में

सपन को सजने दो चंचल नयन में

नयन झुका के अपना लो किसी नाम को

किसी प्रिय नाम को बसा लो तन-मन में

मन पे किसी के अधिकार कर लो प्रिय

एक बार जीवन में प्यार कर लो प्रिय


प्यार है पवित्र पुंज, प्यार पुण्यधाम है

पुण्यधाम, जिसमें कि राधिका है श्याम है

Read More! Earn More! Learn More!