Thoda Jeena chahti hu's image

नदिया सा बहना चाहती हूँ

पंछी सा उड़ना चाहती हूँबस थोड़ा हंसना चाहती हूँ

बस थोड़ा बढ़ना चाहती हूँमैं रहती मंदिर मस्जिद मे,

बस्ती हूं हर एक के दिल में

मैं थोड़ा सजना चाहती हूँमैं थोड़ा पढ़ना चाहती हूँ


पर जब मैं कॉलेज जाती हूँ

इठलाती हूँ मुस्काती हूँ

उनकी नज़रो में खुद को सिर्फएक मांस का टुकड़ा पाती हूँ


हो रहने वाली महलों में या

जीने वाली खेतों में

अपने आंगन में माँ के संग

मैं लोरी सुनना चाहती हूँ


जब नोचा मुझको जाता है

क्यों कोसा मुझ को ही जाता है

तुम ऐसी हो तुम वैसी हो

क्यों टोका मुझको जाता है


अपनी बहेनो सा मुझको भी

भैया तुम बहना मानो ना

अपनी बिटिया के जैसे तुम

मुझको भी गले लगा लो ना


मैं जानती हूँ तुम जानते हो

मैं मानती हूँ तुम मानते हो

Tag: poetry और2 अन्य
Read More! Earn More! Learn More!