
'हमारे राम' नाटक की समीक्षा: आधुनिक हिंदी रंगमंच की उत्कृष्ट कृति - डॉ. विकास दिव्यकीर्ति
परसों शाम प्यारे दोस्त आशुतोष राणा के निमंत्रण पर 'हमारे राम' नाटक देखा। आनंद की बरसात हुई। हिंदी रंगमंच के भविष्य को लेकर आश्वस्ति मिली।
कमाल का नाटक है 'हमारे राम'। राम और रावण के लंबे और गहरे संवाद बहुत से ऐसे प्रश्नों पर मंथन करते हैं जो जनमानस को परेशान करते रहे हैं, जैसे यह कि इतना ज्ञानी होने के बावजूद रावण अधर्मी क्यों हुआ, या फिर राम के अवतारी रूप को भाँप लेने के बाद भी उसने युद्ध का हठ क्यों किया? इसी तरह, लव-कुश के मुश्किल सवालों (जैसे माता की अग्निपरीक्षा और परित्याग) पर पिता राम का दृष्टिकोण सामने आता है जो सोचने का नया रास्ता दिखाता है। नरेश मेहता की 'संशय की एक रात' में श्री राम जिस सवाल से भीतर ही भीतर जूझ रहे हैं और दिनकर कृत 'कुरुक्षेत्र' में युधिष्ठिर जिस अपराध-बोध से घायल व संतप्त हैं, वह इस नाटक में रावण ने दागा है - कि आपने अपने निजी हित (सीता-मुक्ति) के लिये हज़ारों नर-वानरों का (और लंका निवासी असुरों/राक्षसों का भी) जीवन दाँव पर क्यों लगाया? 'हमारे राम' का उत्तर भी लगभग वही है जो नरेश मेहता व दिनकर का था - जब युद्ध नीति-अनीति के मध्य होता है तो वह किसी का निजी युद्ध नहीं रहता।
रावण को अपना पक्ष रखने का भरपूर मौका दिया गया है, लगभग उतना ही जितना माइकेल मधुसूदन दत्त कृत 'मेघनाद वध' में दिखता है। कभी-कभी तो दुविधा होती है कि नाटक का केंद्रीय चरित्र कौन है? सबसे सुंदर प्रसंग अंत में है जब लक्ष्मण मरणासन्न रावण के पास ज्ञान मांगने गया है। उस बिंदु पर रावण का सुदीर्घ एकालाप इतना सधा हुआ है कि उससे लोक व्यवहार का नीतिशास्त्र गढ़ा जा सकता है। एक महाज्ञानी आदमी, जिसने अहंकार में डूबकर अक्षम्य अपराध किये हों और जीते जी उनकी पीड़ादायी परिणति भी देख ली हो, जब अपने जीवन-अनुभवों का निचोड़ परोसेगा तो कितनी गहरी बातें बहेंगी! अंत के पाँच-दस मिनट साँस रोककर इसी प्रवाह में डुबकी लगाने का अवसर देते हैं।
सवा तीन घंटे की अवधि का नाटक है, वह भी पूरी तरह छंदों में और बिना किसी मध्यांतर के! हैरत की बात है कि इस तिहरी चुनौती के बावजूद कुछ ही महीनों में इसे अलग-अलग शहरों में 50 से अधिक बार खेला जा चुका है। इसका सबसे बड़ा कारण है - आशुतोष राणा का रावण के किरदार में घुलकर अपृथक हो जाना और अभिनय के नए प्रतिमान गढ़ना। पटकथा का कसाव भी असाधारण स्तर का ह