
क्या कहते हैं हिंदी कविता के सूत्रधार:
उस जनपद का कवि हूँ जो भूखा दूखा है,
नंगा है, अनजान है, कला नहीं जानता।
[त्रिलोचन]
कविता आदमी को मार देती है, और जिसमें आदमी बच गया है, वह अच्छा कवि नहीं है।
[धूमिल]
जब इंसान अपने दर्द को ढो सकने में असमर्थ हो जाता है तब उसे एक कवि की ज़रूरत होती है।
[श्रीकान्त वर्मा]
'तुम्हारी मृत्यु में
प्रतिबिम्बित है
हम सबकी मृत्यु
कवि कहीं अकेला मरता है?'
[सर्वेश्वर दयाल सक्सेना]
जो कविता,
कवि के हृदय में पल रही होती है,
और जो लिखी जाती है,
दोनों में नितांत अंतर होता है।
लिखित कविता,
हृदयंगत कविता का,
एक अंश मात्र होता है...
[साधक]
जब कभी लगा
अँधेरा बहुत है
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