रात पर चुनिंदा शेर's image
491K

रात पर चुनिंदा शेर

इक रात वो गया था जहाँ बात रोक के 

अब तक रुका हुआ हूँ वहीं रात रोक के 


फ़रहत एहसास

------------------------------------------


इस सफ़र में नींद ऐसी खो गई 

हम न सोए रात थक कर सो गई 


राही मासूम रज़ा

--------------------------------------------------


रात तो वक़्त की पाबंद है ढल जाएगी 

देखना ये है चराग़ों का सफ़र कितना है 


वसीम बरेलवी

---------------------------------------------------


कुछ भी बचा न कहने को हर बात हो गई 

आओ कहीं शराब पिएँ रात हो गई 


निदा फ़ाज़ली

------------------------------------------------------------


बहुत दिनों में मोहब्बत को ये हुआ मा'लूम 

जो तेरे हिज्र में गुज़री वो रात रात हुई 


फ़िराक़ गोरखपुरी

------------------------------------------------------------------


ये सर्द रात ये आवारगी ये नींद का बोझ 

हम अपने शहर में होते तो घर चले जाते 


उम्मीद फ़ाज़ली

-------------------------------------------------------------------

हर एक रात को महताब देखने के लिए 

मैं जागता हूँ तिरा ख़्वाब देखने के लिए 


अज़हर इनायती

---------------------------------------------------------------------

मिरी नज़र में वही मोहनी सी मूरत है 

ये रात हिज्र की है फिर भी ख़ूब-सूरत है


ख़लील-उर-रहमान आज़मी

..............


पहले नहाई ओस में फिर आँसुओं में रात 

यूँ बूँद बूँद उतरी हमारे घरों में रात 


शहरयार

----------------------------------------------------


चाँद भी निकला सितारे भी बराबर निकले 

मुझ से अच्छे तो शब-ए-ग़म के मुक़द्दर निकले 


अहमद मुश्ताक़

----------------------------------------

Read More! Earn More! Learn More!