Raj Shekhar | Couplets's image
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Raj Shekhar | Couplets

हम बहुत कुछ

समेट लेना चाहते हैं

अपनी आँखों में..


समेटते हैं कि बाँट सके

उन ग़ैरहाज़िर आँखों के साथ

जिन्हें हम चाहते हैं


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हैं हम मिले सौ सौ दफा 

फिर भी क्यों तू मिले अजनबी की तरह 

है मंज़िलें सब कहीं यहां 

फिर भी रास्तो में रास्ते उलझ रहे यहाँ

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यकीन


सबसे स्याह रात के पूरब से

आएगा सबसे लाल सूरज

बस, तुम्हारी उम्मीद भरी आंखों के लिए

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