
ये जीवन है... साहब..
— Anupam Kher (@AnupamPKher) January 8, 2021
उलझेंगे नहीं,
तो सुलझेंगे कैसे..
और बिखरेंगे नहीं,
तो निखरेंगे कैसे.... :)
सब्र एक ऐसी सवारी है
— Anupam Kher (@AnupamPKher) January 7, 2021
जो अपने सवार को कभी भी
गिरने नहीं देती,
न किसी के कदमों में
और न किसी की नज़रों में... :)
जिस दिन सादगी श्रृंगार हो जाएगी
— Anupam Kher (@AnupamPKher) January 6, 2021
उस दिन आईने की हार हो जाएगी.. :)
जो व्यक्ति बदले की भावना रखता है,
— Anupam Kher (@AnupamPKher)
वो दरअसल
अपने घावों को हरा रखता है... :)
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