माँ बाप और उस्ताद सब हैं ख़ुदा की रहमत  | #ParentsDay's image
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माँ बाप और उस्ताद सब हैं ख़ुदा की रहमत | #ParentsDay

मैं अपने बाप के सीने से फूल चुनता हूँ
सो जब भी साँस थमी बाग़ में टहल आया
- हम्माद नियाज़ी
चलती फिरती हुई आँखों से अज़ाँ देखी है
मैं ने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है
- मुनव्वर राना
देर से आने पर वो ख़फ़ा था आख़िर मान गया
आज मैं अपने बाप से मिलने क़ब्रिस्तान गया
- अफ़ज़ल ख़ान
अभी ज़िंदा है माँ मेरी मुझे कुछ भी नहीं होगा
मैं घर से जब निकलता हूँ दुआ भी साथ चलती है
- मुनव्वर राना
बच्चे मेरी उँगली थामे धीरे धीरे चलते थे
फिर वो आगे दौड़ गए मैं तन्हा पीछे छूट गया
- ख़ालिद महमूद
इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है
माँ बहुत ग़ुस्से में होती है तो रो देती है
- मुनव्वर राना
दुआ को हात उठाते हुए लरज़ता हूँ
कभी दुआ नहीं माँगी थी माँ के होते हुए
- इफ़्तिख़ार आरिफ़
जब भी वालिद की जफ़ा याद आई
अपने दादा की ख़ता याद आई
- मोहम्मद यूसुफ़ पापा
किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आई
मैं घर में सब से छोटा था मिरे हिस्से में माँ आई
- मुनव्वर राना
मुझ को थकने नहीं देता ये ज़रूरत का पहाड़
मेरे बच्चे मुझे बूढ़ा नहीं होने देते
- मेराज फ़ैज़ाबादी
जब भी कश्ती मिरी सैलाब में आ जाती है
माँ दुआ करती हुई ख़्वाब में आ जाती है
- मुनव्वर राना
बाप ज़ीना है जो ले जाता है ऊँचाई तक
माँ दुआ है जो सदा साया-फ़गन रहती है
- सरफ़राज़ नवाज़
एक मुद्दत से मिरी माँ नहीं सोई 'ताबिश'
मैं ने इक बार कहा था मुझे डर लगता है
- अब्बास ताबिश
मुद्दत के बाद ख़्वाब में आया था मेरा बाप
और उस ने मुझ से इतना कहा ख़ुश रहा करो
- अब्बास ताबिश
घर लौट के रोएँगे माँ बाप अकेले में
मिट्टी के खिलौने भी सस्ते न थे मेले में
- क़ैसर-उल जाफ़री
अज़ीज़-तर मुझे रखता है वो रग-ए-जाँ से
ये बात सच है मिरा बाप कम नहीं माँ से
- ताहिर शहीर
कल अपने-आप को देखा था माँ की आँखों में
ये आ
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