
मुस्काइए, आप लखनऊ में हैं! शायरी, अदब और तहजीब के लिए दुनिया भर में फेमस नवाबों की नगरी में मुस्कराने की कई वजह हैं! अब एक और नई वजह बन गयी है - अमिताभ बच्चन और आयुष्मान खुराना के मूवी - गुलाबो सिताबो !
लखनऊ के बारे में कई शेर और कवितायेँ लिखी गयी है, आइये पढ़ते है उनमे से कुछ शायरी :
दिल्ली छुटी थी पहले अब लखनऊ भी छोड़ें
दो शहर थे ये अपने दोनों तबाह निकले
कशिश-ए-लखनऊ अरे तौबा
फिर वही हम वही अमीनाबाद
किया तबाह तो दिल्ली ने भी बहुत 'बिस्मिल'
मगर ख़ुदा की क़सम लखनऊ ने लूट लिया
यही तशवीश शब-ओ-रोज़ है बंगाले में
लखनऊ फिर कभी दिखलाए मुक़द्दर मेरा
तुराब-ए-पा-ए-हसीनान-ए-लखनऊ है ये
ये ख़ाकसार है 'अख़्तर' को नक़्श-ए-पा कहिए
शफ़क़ से हैं दर-ओ-दीवार ज़र्द शाम-ओ-सहर
हुआ है लखनऊ इस रहगुज़र में पीलीभीत
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