मेरी इक छोटी सी कोशिश तुझ को पाने के लिए - ज़फ़र गोरखपुरी | Kavishala's image
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मेरी इक छोटी सी कोशिश तुझ को पाने के लिए - ज़फ़र गोरखपुरी | Kavishala

मेरी इक छोटी सी कोशिश तुझ को पाने के लिए 

बन गई है मसअला सारे ज़माने के लिए 


रेत मेरी उम्र मैं बच्चा निराले मेरे खेल 

मैं ने दीवारें उठाई हैं गिराने के लिए 


वक़्त होंटों से मिरे वो भी खुरच कर ले गया 

इक तबस्सुम जो था दुनिया को दिखाने के लिए 


आसमाँ ऐसा भी क्या ख़तरा था दिल की आग से 

Tag: shayari और4 अन्य
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