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कविता का जन्म वियोग और आह के बीच हुआ - सुमित्रानंदन पंत

वियोगी होगा पहला कवि, आह से उपजा होगा गान,

निकल कर आँखों से चुपचाप, बही होगी कविता अनजान!


अनुभूति के कवि सुमित्रानंदन पंत जी की यह लाइनें हमे यही बताती हैं कि कविता का जन्म वियोग और आह के बीच हुआ!


अब जरा इन्ही लाइनों को तथ्यात्मक आधार के साथ यूँ देखें :

योद्धा होगा पहला कवि, युद्ध से निकला होगा गान,

निकल कर रणक्षेत्र से खुलेआम, बही होगी कविता महान।


तथ्य :

- सृष्टि की पहली कविता भगवद गीता है जिसे युद्ध के मैदान में 18 अध्यायों के करीब 700 श्लोकों में रचा गया!

- कृष्ण पहले कवि थे और पहला कवि सम्मेलन मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को महाभारत युद्ध के मैदान में आयोजित हुआ जिसमे कवि ने सस्वर कविता पाठ किया।

- रणक्षेत्र में आयोजित इस कवि सम्मेलन में पाण्डवों की

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