जितनी बुरी कही जाती है उतनी बुरी नहीं है दुनिया - निदा फ़ाज़ली | Kavishala's image
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जितनी बुरी कही जाती है उतनी बुरी नहीं है दुनिया - निदा फ़ाज़ली | Kavishala

जितनी बुरी कही जाती है उतनी बुरी नहीं है दुनिया

बच्चों के स्कूल में शायद तुम से मिली नहीं है दुनिया


चार घरों के एक मोहल्ले के बाहर भी है आबादी

जैसी तुम्हें दिखाई दी है सब की वही नहीं है दुनिया


Tag: shayari और3 अन्य
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