![दादासाहब फालके: भारतीय सिनेमा के पितामह का समर्पण और योगदान's image](https://kavishala-ejf3d2fngme3ftfu.z03.azurefd.net/kavishalalabs/post_pics/%40kavishala/None/Dadasaheb_Phalke_30-04-2023_14-24-11-PM.jpg)
दादासाहब फालके, भारतीय सिनेमा के पितामहों में से एक थे। उन्होंने भारतीय सिनेमा की शुरुआत की और भारतीय सिनेमा के इतिहास में अपनी एक महत्वपूर्ण जगह बनाई। उन्होंने सिनेमा के लिए अपने जीवन का सबसे बड़ा समर्पण किया और भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक महत्वपूर्ण युग का आरंभ किया।
दादासाहब फालके १८७० में नासिक, महाराष्ट्र में पैदा हुए थे। उन्होंने अपने जीवन का बड़ा हिस्सा कलाकार और संगीतकार के रूप में गुजारा किया था। उनकी पत्नी से मिलने के बाद, उन्होंने फिल्म निर्माण में अपनी रूचि प्रकट की और १९१३ में उन्होंने अपनी पहली फिल्म 'राजा हरिश्चंद्र' का निर्देशन किया।
दादासाहब फालके के द्वारा निर्मित फिल्में चुपचुप खबर, लोकशाही, माया मचिंद्र, रत्नप्रभा, संत तुकाराम, श्रीकृष्ण जन्म, शकुंतला, श्री नृसिंह अवतार और धर्मपत्नी आदि थीं।
दादासाहब फालके, भारतीय सिनेमा के पितामह के रूप में जाने जाते हैं। वे भारतीय सिनेमा के उदघाटन के साथ-साथ भारतीय सिनेमा के संस्थापक भी हैं। दादासाहब फालके ने पहली बार 1913 में भारतीय सिनेमा की शुरुआत की थी, जब उन्होंने 'राजा हरिश्चंद्र' नामक फिल्म निर्देशित की थी।
दादासाहब फालके की फिल्मों की लोकप्रियता और उनके योगदान क