
एक बीते के बराबर
यह हरा ठिंगना चना
बांधे मुरैठा शीश पर
छोटे गुलाबी फूल का
सजकर खड़ा है
पास ही मिलकर उगी है
बीच में अलसी हठीली
देह की पतली, कमर की है लचीली
नीले फूले फूल को सिर पर चढ़ाकर
कह रही है जो छुए यह
दूं हृदय का दान उसको
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