![बच्चों के लिए चिट्ठी - मंगलेश डबराल's image](https://kavishala-ejf3d2fngme3ftfu.z03.azurefd.net/kavishalalabs/post_pics/%40kavishala/None/Soon_4_12-04-2022_09-25-22-AM.png)
प्यारे बच्चों हम तुम्हारे काम नहीं आ सके। तुम चाहते थे हमारा क़ीमती समय तुम्हारे खेलों में व्यतीत हो। तुम चाहते थे हम तुम्हें अपने खेलों में शरीक करें। तुम चाहते थे हम तुम्हारी तरह मासूम हो जाएँ।
प्यारे बच्चों हमने ही तुम्हें बताया था जीवन एक युद्धस्थल है जहाँ लड़ते ही रहना होता है। हम ही थे जिन्होंने हथियार पैने किए। हमने ही छेड़ा युद्ध। हम ही थे जो क्रोध और घृणा से बौखलाते थे। प्यारे बच्चों हमने तुमसे झूठ कहा था।
यह एक लंबी रात है। एक सुरंग की तरह। यहाँ से हम
Read More! Earn More! Learn More!