भारत का साहित्य सदियों से अपनी समृद्धि के लिए जाना जाता है। इस समृद्धि का श्रेय हमारे देश के महान साहित्यकारों को जाता है, जिंहोने अपनी रचनाओं के माध्यम से न केवल साहित्य को समृद्ध किया बल्कि समाज को भी नई दिशा दी। उन्ही साहित्यकारों के जन्मदिन और पुण्यतिथि पर हमें उनके योगदान को याद करना चाहिए और उन्हें श्रद्धांजलि देनी चाहिए। उनकी रचनाओं का अध्ययन करके हम न केवल उनके विचारों से रूबरू होते हैं बल्कि अपनी सोच को भी व्यापक बनाने का कार्य करते हैं।
राधिकारमण प्रसाद सिंह
हिंदी साहित्य के इतिहास में कुछ नाम ऐसे हैं, जो अपनी विशिष्ट शैली और गहन विचारों के लिए सदैव स्मरण किए जाते हैं। उनमें से एक नाम राधिकारमण प्रसाद सिंह का भी है। “शैली सम्राट” के नाम से प्रसिद्ध, राधिकारमण सिंह ने हिंदी कथा साहित्य को एक नई ऊंचाई पर पहुंचने का कार्य किया है। उनका जन्म 10 सितंबर 1890 को बिहार के शाहाबाद में हुआ था। उनके लेखन ने हिंदी कहानी के शिल्प को न केवल संवारा, बल्कि नई दिशा भी प्रदान की। उनकी रचनाएँ आज भी पाठकों के दिलों में बसी हुई हैं, और उनकी कहानियाँ आज भी सामाजिक मुद्दों पर गहरी सोच को प्रकट करने का कार्य करती हैं।
साहित्यिक योगदान
एक समृद्ध परिवार में जन्मे राधिकारमण प्रसाद सिंह के पिता राजा राजेश्वरी प्रसाद सिंह उर्फ प्यारे कवि भारतेंदु मंडल के प्रमुख कवियों में शामिल थे। साहित्य का प्रेम उन्हें विरासत में मिला और उन्होंने