वैसे तो साहित्य के बिना सिनेमा ऐसे है जैसे सब्जी बिना नमक, चाय बिना चाय पत्ती, फ़ोन बिना इंटरनेट! दोनों का संगम एक बेहद खूबसूरत समाज के निर्माण में सहायक रहते है! हम सभी जानते हैं की अनूप सोनी सिनेमा के अलग अलग किरदारों के लिए प्रसिद्ध है लेकिन उनका जो स्नेह साहित्य की तरफ है वो वास्तव में सराहनीय है और साथ साथ दूसरे पाठको के लिए प्रेरणा है! जरूरी नहीं है की जब आप साहित्य,कवितायेँ लिखते हों तभी साहित्य प्रेमी की श्रेणी में आएं, अच्छे लेखकों से ज्यादा जरूरत है अच्छे पाठकों की और साहित्य समझने वाले लोगों की जिसमे अनूप सोनी सबसे चर्चित नाम है!
प्रेमचंद से लेकर हरिवंश राय बच्चन तक के साहित्य को उन्होंने आवाज दी है, उनके जन्मदिन पर कुछ झलकियां:
'... मैं और मेरी तन्हाई अक्सर ये बातें करते हैं!'@soniiannup pic.twitter.com/hPSZAWkq1Q
— Kavishala (@kavishala) December 13, 2020
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