अधूरा सा टूटा ये रस्ता पुराना
सजे बाँस मे दिमक का खजाना
किनारे किनारे किस्से पुराने
शहर को लपकते सपने सुहाने
लकीरें किस्मतों की लिखी है,गढ़ी है
कहीं पाँव मलमल कहीं छाँलों की दरी है
बिन मौसम के पगलाए बारिश की बूँदे
हवाओं के अकड़
सजे बाँस मे दिमक का खजाना
किनारे किनारे किस्से पुराने
शहर को लपकते सपने सुहाने
लकीरें किस्मतों की लिखी है,गढ़ी है
कहीं पाँव मलमल कहीं छाँलों की दरी है
बिन मौसम के पगलाए बारिश की बूँदे
हवाओं के अकड़
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