![हम भंडारे की पूड़ी की खुशबू सूंघते सूंघते इतनी दूर निकल आये सर्दी में,
की रिक्शा वाला भी वापसी के सौ रुपये मांग रहा है !!
तब समझ आया पंडत खाने पीने में क्यों बदनाम हैं,,'s image](https://kavishala-ejf3d2fngme3ftfu.z03.azurefd.net/kavishalalabs/post_pics/%40kavi-ashwani-mishra/None/1639856488293_19-12-2021_01-09-52-AM.png)
हम भंडारे की पूड़ी की खुशबू सूंघते सूंघते इतनी दूर निकल आये सर्दी में, की रिक्शा वाला भी वापसी के सौ रुपये मांग रहा है !! तब समझ आया पंडत खाने पीने में क्यों बदनाम हैं,,
हम भंडारे की पूड़ी की खुशबू सूंघते सूंघते इतनी दूर निकल आये सर्दी में,
की रिक
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