आज कुछ लिखना है's image

आज कुछ लिखना है,

उनके लिए जो कभी मिले थे

आज कुछ लिखना है

उनके लिए जो रोज मिलते है

आज कुछ लिखना है

तुम्हारी व्यथा को

मेरी कहानी की तरह

आज कुछ लिखना है

तुम्हारे और कुछ मेरे बारे में

आज कुछ लिखना है

सफर की कुछ अनसुलझी कहानी को

आज कुछ लिखना है

तुम्हारे कहना की आशा तक

आज कुछ लिखना है

तुम्हारे सिर्फ तुम्हारे लिए

कुछ यादे कुछ ख्वाब लिए

तुम्हारी तस्वीर को निहारता

कुछ तो लिखना है

तुमसे झगड़ा करते

तुमसे रूठ कर

कुछ तो लिखना है

जो लोग पढ़े जो तुम सुनो

कुछ तो लिखना है

तुम्हारी कहानी को

जो गुमनाम सी हो गई है

इस जमी पर आसमान हो गई है

एक कहानी तो लिखनी है

इलाहाबाद की सड़को की

वो सर्द हवाओ के बारे में

कुछ तो लिखना है

तुम्हारी व्यथ

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